जो खुद पे हो यकीं I


जो खुद पे हो यकीं
नामुमकिन कुछ नहीं
जो है तेरा मिलेगा
जो था तेरा रहेगा
ग़म भी होंगे हसीं
जो खुद पे हो यकीं


लगते रहेंगे ठोकर
खो जायेंगे तेरे होकर
फिर भी जीत होगी
और ज़िन्दगी जश्न सी
जो खुद पे हो यकीं



भ्रम होंगे सत्य जैसे
और शत्रु मित्र जैसे
फिर भी पथ मिलेंगे
जख्म भी सिलेंगे
और फूल भी खिलेंगे
हर शाम नज़्म सी
जो खुद पे हो हो यकीं



स्वप्नों की चिता जलेगी
कुछ लोग ख़ाक होंगे
ख्वाब भी राख होंगे 
पर दिल फिर से एक होंगे
तेरे साथी नेक होंगे

जो खुद पे हो यकीं 

   नामुमकिन कुछ नहीं
जो है तेरा मिलेगा
जो था तेरा रहेगा
ग़म भी होंगे हसीं
जो खुद पे हो यकीं

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