नीरव
इश्क़ खुद से भी निभाया और उस से भी
आँखों से उसकी तस्वीर मिटा दी
लेकिन आँसू हमेशा उसके नाम के थे
यूँ तो मोहब्बत का हक़ नहीं दिया
लेकिन नफ़रतें उसी के नाम से आबाद कीं
कभी कहा था उसके महबूब ने,
नाकाफ़ी है इश्क़ ज़िन्दगी के लिए
उसने बस इतनी ही दुआ दी
देखना हर रोज़ इश्क़ से मुलाकात होगी
और हर रोज़ ज़िन्दगी बर्बाद होगी
और इस तरह ,
इश्क़ खुद से भी निभाया और उस से भी
निधि
अक्टूबर ६,२०१५
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