परिणीता
कौन हूँ मैं ? हूँ तुम्हारी प्रेमिका या तुम्हारी प्रेरणा हूँ तुम्हारा स्वप्न या तुम्हारी चेतना कौन हूँ मैं ? हूँ तुम्हारा सत्य या तुम्हारी कल्पना हूँ तुम्हारा भाग्य या तुम्हारी प्रार्थना कौन हूँ मैं ? हूँ तुम्हारी जागृति या तुम्हारी अज्ञानता हूँ तुम्हारी परिधि या तुम्हारी अनंतता मैं .... मैं तुम्हारी आत्मा, अपरिभाषित और अनंत हूँ सम्पूर्ण हूँ व् साथ भी, आश्रित और स्वच्छंद हूँ तुम्हारी प्रेरणा हूँ और तुम्हारी कृति मैं तुम्हारा भाग्य और तुम्हारी वृति मैं तुम्हें बांधती हूँ , मैं मुक्ति का आकाश भी प्रारम्भ भी, मध्य भी ,अंत और सारांश भी मैं सहचरी ,मैं प्रेमिका, सृष्टि का कल्याण हूँ मैं परिणीता,मैं प्रेयसी , जीवन पथ पर विश्राम हूँ प्रारब्ध के वरदान से , प्रेम का प्रतिदान हूँ मैं परिणीता , मैं प्रेयसी , मैं प्रेम हूँ , मैं प्राण हूँ निधि अभिषेक अखौरी फरवरी १४, २०१६