माँ
माँ , मुझमें मेरा कुछ भी नहीं , मैं जो हूँ , तुम हूँ , तुम से हूँ , तुम सी हूँ , लोग कहते हैं , तुम जैसी दिखती हूँ मैं I सच ? लेकिन मैं बस दिखती नहीं तुम सी , देखती भी हूँ तुम जैसा हीं I तुम सी हीं तीखी हूँ , तुम सी हीं मीठी हूँ तुमसा हीं हँसती हूँ , तुमसा हीं रोती हूँ I तुम होती हो मेरे पास हमेशा हीं , मुझमें होती हो शायद , तभी तो मेरे संग हँसती हो , मेरे संग रोती हो , मेरी कड़वाहट में पिसती हो , मेरी मिठास में घुलती हो I पहचान लेती हो , जान लेती हो , मान लेती हो , मुझे और मेरी हर बात I कुछ कहती नहीं , कभी भी , लेकिन सोचती हो मुझे , हमेशा , हर दिन , हर रात I मैं जो हूँ , जो भी हूँ , तुमसे हूँ , तुम्हारी हूँ तुम में हूँ , तुम हूँ मैं ! मैं नहीं होती , माँ ! अगर तुम मेरी माँ नहीं होती I नयन मई १०,२०१५